Navvrsh par kavita||maa par kavita/baba kalpnesh
बाबा कल्पनेश की कलम से दो रचना जो समाज को एक संदेश देती हैं Navvrsh par kavita,maa par kavita नववर्ष,माँ ममतामयि जो पाठको के सामने प्रस्तुत है। नववर्ष अभी कहाँ नव वर्ष, यहाँ भारत में आया। अभी यहाँ हर ठाँव, अधिक कुहरा गहराया।। हम तो अधिक उदार, पराया पर्व मनाते। अपने त्यागे छंद ,गजल औरों … Read more