happy new year poem in hindi-क्या सब कुछ बदल जायेगा

डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र की रचना क्या सब कुछ बदल जायेगा (happy new year poem in hindi) हिंदी रचनाकार के पाठको के सामने प्रस्तुत है –

क्या सब कुछ बदल जायेगा

(happy new year poem in hindi)


अपने गर्भ में

तारीख महीनों को पाल रहा

कैलेंडर जानेगा

एक और नया साल

जिसकी रेखा की बुनियाद पर

भविष्यवक्ताओं का

भविष्य टिका है

तो क्या यह मान लिया जाय

यह बदलाव का वर्ष होगा

सब कुछ बदल जायेगा

दिलों पर लगा

ज़ख्म सूख जायेगा

जो उग आया है

नागफनी की तरह

जिसने सीखा है पनपना

विश्वास है विस्तार में जिसका

नहीं उसने सीखा

संसर्ग में रहकर भी

चिरकाल तक

दौड़ता रहा अंधी दौड़

हर बार हारता रहा

बावजूद उसे कुचलता रहा

उसे परम विश्वास था

इस बात का छद्म एहसास था

कि नहीं हो सकता

वह मेरा प्रतिस्पर्धी

क्योंकि

इस कंगूरे की चमक

के लिए कितनी मांगों

का सिंदूर मैंने पिया है

और कितनी सिसकियों

की सीढ़ियों पर चढ़कर

अवस्थित हूं आज मैं

वह निरीह लाचार

कमठ क्या जाने

यह सब कुछ

एक अंतहीन प्रश्न

नववर्ष के जश्न में

आकंठ और आकर्ण डूबे

लोगों से पूछना चाहता हूं कि

क्या सब कुछ बदल जायेगा

दो दिन बाद ?

happy-new-year-poem-hindi
डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र
प्रयागराज फूलपुर
745899487

अन्य रचना पढ़े :

डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र की रचना समाज से जुडी होती है उसी रचना मे से एक happy new year poem in hindi-क्या सब कुछ बदल जायेगा कविता भी समाज को एक सन्देश दे रही है आप अपने सुझाव कमेंट बॉक्स मे अवश्य बताये |