new year poem /नव- वर्ष से अपेक्षाएं ।
नववर्ष २०२१ पर हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक की नववर्ष पर रचना नव- वर्ष से अपेक्षाएं(new year poem ) विश्व के हिंदी भाषी लोगो के लिए प्रस्तुत है ।
नव- वर्ष से अपेक्षाएं ।
नव- वर्ष की स्वर्णिम प्रभा ,
जीवन को सुख- समॄद्धि दे ।
हे ईश , मेरे देश के ,
स्वाभिमान को अभिवॄद्धि दे ।
देश का हर नागरिक ,
सच्चरित्र निष्ठावान हो ।
धर्म और संस्कृति का रक्षक ,
सद्गुणों की खान हो ।
सीमाओं पर दुश्मन पड़ोसी ,
खेल खूनी खेलता है ।
गर्दन पकड़ मरोड़ दो ,
हर बात में जो ऐंठता है ।
नव – वर्ष में सेना प्रबल ,
दे ईंट का पत्थर जवाब ।
चीन – पाकिस्तान दोनों ,
छोड़ दें बिल्ली के ख्वाब।
शिक्षा सुसंस्कृति में युवा ,
स्थापित करें नव कीर्तिमान।
भारत बने पुनः विश्वगुरु,
हो शंख ध्वनि से कीर्ति गान।
क्यों अन्न – दाता देश का ,
अधिकार हित पथ पर पड़ा ॽ
गणतंत्र उसका ऋणी है ,
माटी का वह हीरा जड़ा ।
नव वर्ष कॄषक- श्रमिक के ,
सौभाग्य का नव -वर्ष हो ।
फूले- फले किसान और ,
खलिहान अन्न समॄद्ध हो ।
नव -वर्ष रोगों से रहित हो ,
स्वस्थ नर – नारी सभी ।
प्रगति का पहिया चले जब ,
लौटें पथिक खुशियां सभी।
सीताराम चौहान पथिक
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