रायबरेली-उ. प्र. AN ISO-9001:2015 प्रमाण पत्र प्राप्त एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर संस्था सार्थक वेलफेयर सोसायटी लखनऊ द्वारा 29 सितम्बर 2024 को इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आईटीआई) रायबरेली में स. इंजीनियर पद पर कार्यरत श्री राम लखन वर्मा को “भारत गौरव रत्न 2024 सम्मान” से राजधानी लखनऊ के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान में उ.प्र. सरकार में मंत्री माननीय श्री विश्वनाथ जी, एमएलसी पवन कुमार, महान कमेडियन श्री अन्नू अवस्थी एवं सार्थक वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक/अध्यक्ष श्री अश्विनी जायसवाल द्वारा सम्मानित किया गया। यह विशिष्ट सम्मान उनके उत्कृष्ट लेखन और सामाजिक कार्य के लिए प्रदान किया गया। आपको बताते चले रायबरेली जनपद के हरीपुर-निहस्था इनकी जन्मभूमि रही है यह कवि, साहित्यकार के अलावा कई समिति के मीडिया प्रभारी भी रहे। इससे पहले आईटीआई लिमिटेड मनकापुर गोंडा में सेवा करते हुए इन्होंने “मुख्य योग शिक्षक” रहते हुए पूरे गोंडा जनपद में योग का प्रशिक्षण देकर लोगों को स्वस्थ एवं निरोगी बनाया। इसके अलावा बहुत सारे सामाजिक कार्यो में अपनी भूमिका निभाई है और इनका सफर अभी भी जारी है। इससे पहले भी बहुत सारे सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
डॉक्टर सविता चड्ढा को टोक्यो में मिला “परिकल्पना यात्रा सम्मान ” और राष्ट्र गौरव साहित्य सम्मान”
परिकल्पना संस्था के रजत जयन्ती यात्रा समारोह का जिन्जा स्थित कोको आडिटोरियम, टोकियो में आयोजन किया गया। हिंदी अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन व सम्मान समारोह के आयोजन मे
हिंदी साहित्याकार डॉक्टर सविता चड्ढा को ”परिकल्पना यात्रा सम्मान ” से सम्मानित किया गया इसके साथ हि उन्हें आई. पी. फाउंडेशन इंटरनेशनल द्वारा ‘राष्ट्र गौरव साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। डॉक्टर रविन्दर प्रभात और डॉक्टर स्मिता मिश्रा द्वारा सम्मानित करते हुए लेखिका का परिचय देते हुए उनके साहित्य सृजन की सराहना की गई। ये सम्मान उन्हें उनकी सृजनात्मक एवं रचनात्मक अभिव्यक्ति , हिंदी समाज, साहित्य , भाषा एवं संस्कृति को वैश्विक स्तर समृद्ध करने और हिंदी समाज में उच्च मानक स्थापित करने के लिए प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है की लेखिका सविता चड्ढा पिछले चलीस वर्षों से हिंदी साहित्य में सृजनरत हैँ और देश विदेश में अनेक सम्मानो से सम्मानित हैं। इस आयोजन में अमेरिका, प्रयागराज, दिल्ली, आगरा, उज्जैन, लखनऊ व दिल्ली के अनेक साहित्यकारों ने सहभागिता की।
नेपाल : मित्र राष्ट्र नेपाल में अवधी सांस्कृतिक प्रतिष्ठान केंद्रीय कार्य समिति द्वारा चौथा अंतरदेशीय अवधी महोत्सव, रजत जयंती दिवस तथा 527वां गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनपद के युवा साहित्यकार दयाशंकर को बतौर मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल राष्ट्र के वन तथा वातावरण मंत्री माननीय बादशाह कुर्मी विशिष्ट अतिथि डॉक्टर पंकज गुप्ता रहे। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश स्तुति तथा ज्ञान की देवी मां सरस्वती वंदना से की गई।
देश-विदेश से आए साहित्यकारों ने अपनी- अपनी विधा की रचनाएं पढ़ कर खूब तालियां बटोरी। बताते चलें कि अंतर्देशीय अवधी महोत्सव में शिक्षा, स्वास्थ्य,कला,साहित्य, संस्कृति,समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने वाले विशिष्ट जनों को अवधी सांस्कृतिक प्रतिष्ठान हर वर्ष सम्मान प्रदान करता है।
इसी क्रम में साहित्य के क्षेत्र में युवा साहित्यकार समीक्षक दया शंकर को अवधी गौरव रजत सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। दयाशंकर एक प्रखर वक्ता और निष्पक्ष लेखक के रूप में जाने जाते हैं इनकी कहानी आलेख देश-विदेश की कई प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं इन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार के साथ साथ साहित्य के क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
इनकी उपलब्धि पर डॉ संत लाल, डा मनोज त्रिपाठी,डा बी.डी.मिश्र, डॉ संजय सिंह, डा आजेन्द्र सिंह,डा अजय सिंह चौहान डा किरन श्रीवास्तव,डा संतोष, डा अशोक कुमार, रवीन्द्र सिंह,कुंवर सिंह, अभिलाषा,सहित बहुत से लोगों ने बधाई दी।
Lucknow: कल दिनाॅंक 14.07.24 को वरिष्ठ कवि श्री सत्येन्द्र तिवारी जी के लखनऊ स्थित आवास पर आदरणीय भूपेन्द्र सिंह ‘होश’, शैलेन्द्र शर्मा, उपेन्द्र वाजपेई तथा कमल किशोर ‘भावुक’ जी को पं . हजारी लाल तिवारी काव्य भूषण सम्मान ‘ से सम्मानित किया गया।
आत्मीय साहित्यिक समागम के विशेष आयोजन में देश के सुप्रसिद्ध पर्वतारोही/फोटोग्राफर उपेन्द्र वाजपेई जी के साथ कानपुर के वरिष्ठ कवि आदरणीय शैलेन्द्र शर्मा जी की रचनाओं को सुनकर लोग वाह-वाह कर उठे। आदरणीय भूपेन्द्र सिंह ‘होश’, कमल किशोर ‘भावुक’, कुलदीप ‘कलश’ के साथ सत्येन्द्र तिवारी के गीतों ने कार्यक्रम को अद्भुत ऊॅचाइयाॅं प्रदान कीं। संजय ‘सागर’, रश्मि ‘लहर’, आदर्श सिंह ‘निखिल ‘ जी सहित कई रचनाकारों की उपस्थिति से समारोह ने एक भव्य स्वरूप ले लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ सत्येन्द्र तिवारी के नातियों क्रमशः दिव्यांश एवं अर्णव द्वारा संस्कृत की वाणी वन्दना से किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति पर सत्येन्द्र तिवारी ने सभी का आत्मीयता से आभार व्यक्त किया।
साहित्य के क्षेत्र में रायबरेली जिले का नाम भी स्वर्णिम अक्षर से लिखा जाता है वर्तमान में अवधी भाषा के प्रख्यात विद्वान इंद्रेश बहादुर सिंह भदौरिया को बिहार में वाचस्पति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है l
मूल रूप से हरचंदपुर क्षेत्र के निवासी इंद्रेश कुमार भदौरिया अवधी भाषा के प्रख्यात विद्वान हैं उनकी कई पुस्तक अब तक प्रकाशित हो चुकी है कई बड़े-बड़े मंचों पर अपना लोहा अवधि भाषा के क्षेत्र में मनवा चुके इंद्रेश कुमार भदौरिया को बिहार प्रदेश में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित एक मंड सम्मान कार्यक्रम में विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है l
इंद्रेश कुमार भदौरिया की कई पुस्तक ऐसी है जिन पर विशेष रूप से शोध भी हो रहा है क्योंकि उन्होंने अवधी भाषा को एक स्थान दिलाने के लिए प्रयास किया है l
पुरस्कार प्राप्त करने वाले इंद्रेश कुमार भदौरिया का कहना है कि जिस तरह भोजपुरी अब बुंदेली भाषा को महत्व दिया जाता है वैसे ही अवधी भाषा को भी महत्व देना चाहिए क्योंकि यह मीठी भाषा अवध क्षेत्र के गांव में बोली जाती है लेकिन शहर के लोग इसे बोलने में संकोच करते हैं जबकि घर के अंदर इसी भाषा का उपयोग आपस में बात करने के लिए किया जाता है तो क्यों ना इस भाषा को प्रचारित और प्रसारित करके सामाजिक जीवन में भी बोलने के लिए प्रयोग किया जाए l
वाचस्पति पुरस्कार से सम्मानित होने पर जिले के साहित्यकार भाषा सलाहकार डॉ संतलाल, पुष्पा श्रीवास्तव शैली, अशोक कुमार, डॉक्टर प्रियंका, रत्ना भदौरिया और कल्पना अवस्थी ने इंद्रेश भदौरिया को शुभकामनाएं दी है l
New Delhi: “हिंदी पत्रकारिता भूमिका एवं समीक्षा’ का लोकार्पण पंजाब केसरी की चेयरपर्सन श्रीमती किरण चोपड़ा,श्री अनिल जोशी, श्री ऋषि कुमार शर्मा ,डाॅ. मुक्ता, ओमप्रकाश प्रजापति एवं मनमोहन शर्मा जी के कर कमलों से संपन्न हुआ। लेखिका सविता चड्ढा ने उपस्थित सभी माननीय अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन और स्वागत करते हुए कहा कि उनका लेखन अपने पाठकों और शुभचिंतकों शुभकामनाओं और आशीर्वाद से ही संभव हो पता है । उन्होंने अपने प्रकाशकों का भी आभार व्यक्त किया सदैव उनकी पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए तत्पर रहते हैं।
पंजाब केसरी की चेयरपर्सन और वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की संस्थापिका ने लेखिका के लेखन की भरपूर सराहना की। उनके द्वारा लिखी गई साहित्य के विभिन्न विधाओं की पुस्तकों का उल्लेख करते हुए आज लोकार्पित हिंदी पत्रकारिता भूमिका और समीक्षा पुस्तक की विशेष रूप से सराहना की। श्री अनिल जोशी ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं लेखिका को देते हुए उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए उनके द्वारा लिखी गई विभिन्न कृतियों की चर्चा की और उनके साहित्यिक सफर का उल्लेख करते हुए उन्हें शुभकामनाएं प्रदान की ।
हिंदी अकादमी के उप सचिव श्री ऋषि कुमार शर्मा ने कहा “ सविता चड्ढा जी ने विभिन्न विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है। इनका कहानी संग्रह “नारी अंतर्वेदना की कहानियाँ ” में एक सशक्त नारी का आधुनिक रूप निखर कर आया है। ये कहानियाँ कालजयी है जो समाज की समस्या के ऊपर दृष्टिपात करके उनका समाधान भी देती हुई चलती है । समाज, परिवार और पाठकों के द्वारा इन कहानियों का पढ़ा जाना आवश्यक है। ये कहानियाँ हिंदी साहित्य की धरोहर हैं। इस संग्रह की कुछ कहानियाँ मेरी साहित्य की समझ का विकास करती हैं।” इस अवसर पर डॉक्टर मुक्ता, डाॅ, ओमप्रकाश प्रजापति, श्री मनमोहन शर्मा जी ने लेखिका के साहित्यिक सफर का उल्लेख करते हुए उनकी प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का उल्लेख किया और आज की पुस्तक “हिंदी पत्रकारिता: भूमिका और समीक्षा” को पत्रकारों के लिए और लेखकों के लिए बहुत उपयोगी बताया ।
” नारी अस्मिता व अंतरवेदना की कहानियां” संग्रह पर चर्चा के प्रारंभ में मंच संचालन करते हुए डॉ. कल्पना पांडेय ‘नवग्रह’ ने कहा ” सविता चड्ढा की कहानियाँ नारी सशक्तिकरण के लिए अंतरात्मा से उठी हुई वो आवाज़ है जो न केवल एक दूरदृष्टि देती है बल्कि संवेदनाओं के तार भी झंकृत करती है। दिशा देती , ख़ुद से पहचान कराती भावपूर्ण कहानियाँ।” डॉ पुष्पा सिंह बिसेन ने कहा सविता चड्ढा की शख्सियत, व्यक्तित्व और कृतित्व बहुत विशाल है। उन्होंने सभा को सूचित किया कि वह सविता चड्ढा के संपूर्ण व्यक्तित्व पर पर एक खंडकाव्य लिख रही है । इस सुखद सूचना को सुनकर सभी ने कर्तल ध्वनि से उनके निर्णय का स्वागत किया । उमंग सरीन ने संग्रह की तीन चार कहानियों का उल्लेख किया । उन्होंने कहानी “बिब्बो”, “दिल्ली में भी है” और “फिलिपिनो” पर अपने विचार प्रकट किये। “शकुंतला मित्तल ने कहानियों पर बोलते हुए कहा “नारी अन्तर्वेदना की कहानियाँ” वेदना,और पीड़ा को झेलते हुए भी स्वाभिमान रख कर संघर्ष करती उन नारियों की कहानियां हैं,जो संघर्ष में ही समाधान खोज अपना जीवन मार्ग तलाशती हैं। पात्रों के चरित्र को समझ उसके मनोविज्ञान को गढ़ने में कुशल डॉ सविता चड्डा जी बोल्ड कथ्य को मर्यादित और सधी भाषा में मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति देने में पूर्णतया सक्षम हैं, इसलिए इनका पाठकों पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है।
इस अवसर पर पुस्तक पर बोलते हुए डॉक्टर कविता मल्होत्रा ने कहा “सविता जी की कहानियां महिला सशक्तिकरण का सकारात्मक पक्ष उजागर करती हैं।सविता जी का कहना है कि यदि महिलाएँ स्वंय अपना आत्म निरीक्षण करना शुरू कर दें तो उनकी हर समस्या का समाधान हो सकता है, क्यूँकि महिलाओं की अस्मिता पर होने वाले सामाजिक प्रहारों को कोई एन. जी. ओ.,कोई प्रशासन या कोई सरकार नहीं रोक सकती, इसलिए सभी महिलाओं को स्वाभिमानी और स्वंयसिद्धा होने का संदेश देती सविता जी की हर कहानी प्रणम्य है।सविता जी को उनकी कृतियों के विमोचन की हार्दिक बधाई।” श्री अमोद कुमार ने कहा “सविता जी ने जहाँ नारी के भिन्न रिश्तों मे हो रहे उत्पीड़न और उसके अंर्तमन की वेदना को अपनी कहानियों मे उजागर किया है वहीं नारी को संघर्षशील होकर अपने पैरों पर खड़े होकर स्वाभिमान का जीवन जीने की प्रेरणा भी दी है।
डाॅ. शुभ्रा अपनी लिखित एक विस्तृत समीक्षा लेखिका को प्रदान की और कुछ कहानियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने संग्रह की कहानियों को पतठनीय और समाजोप योगी बताया। शारदा मित्र और आमोद कुमार ने कहानियों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सविता चड्ढा की कहानियों को समाजोपयोगी बताया और इसमें नारी चेतना के विभिन्न स्वरों को प्रस्तुत करते हुए संग्रह की सभी कहानियों व्याख्या प्रस्तुत की । श्रीमती सरोज शर्मा, श्रीमती प्रमिला भारती , शारदा मित्तल , डॉ कविता मल्होत्रा , श्री राजेंद्र नटखट,अंजू क्वात्रा, कुमार सुबोध ने लेखिका को अपनी शुभकामनाएं और बधाई दी, वहीं पधारी रंजना मजूमदार ने सविता चड्डा की एक खूबसूरत ग़ज़ल को स्वर देखकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
नयी दिल्ली : कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्या प्रेम संस्कृति न्यास की ओर श्रीमती विद्या पांडेय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस वर्ष का “प्रेम रत्न सम्मान” डॉ श्रीमती सविता चडढा, सुप्रतिष्ठित साहित्यकार को दिया गया। प्रेम-रत्न’ से सम्मानित डॉ. सविता चड्ढा ने सम्मान के प्रति आत्मीयता भरे शब्द कहे। उन्होंने कहा कि है ‘प्रेम रत्न’ सम्मान डॉ. कल्पना पांडेय के पिता श्री प्रेम किशोर पांडेय जी को समर्पित है इसलिए आज से इस वे भी डॉ कल्पना पांडेय के लिए पिता तुल्य हो गईं हैं । उन्होंने स्वर्गीय श्री प्रेम किशोर पांडेय की कविता “तुझको क्या हो गया बनारस “की कुछ पंक्तियां भी पढ़ीं-किसकी…..किसकी काली छाया पड़ी कि तू असहाय हो गया, अपनी संस्कृति की रक्षा में क्यूंकर तू निरुपाय हो गया।”
श्री अजीज सिद्दीकी, श्री अनिल जोशी, श्री एस जी एस सिसोदिया ,पंडित सुरेश नीरव ,श्री रामस्वरूप दीक्षित ,डॉ पुष्पा सिंह बिसेन की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान की ।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती सविता चड्ढा वर्ष 1984 से लेखन कार्य कर कर रही है और विभिन्न विधाओं पर आप की अब तक 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं।
आपका लेखन बहुआयामी है आपके 17 कहानी संग्रह, 12 पत्रकारिता विषयक पुस्तकें प्रकाशित है जिनमें से चार विभिन्न संस्थानों में पाठ्यक्रम में संस्तुत हैं, 11 लेख संग्रह, 2 उपन्यास ,11 काव्य की पुस्तकें तो प्रकाशित हैं ही । समय-समय पर आप आपकी कहानियों पर टेली फिल्में बनी है ,नाटक मंचन हुए हैं, अनुवाद हुए हैं, आपकी कहानियों पर शोध कार्य संपन्न हो चुके हैं । राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपके लेखन को समाजोपयोगी स्वीकार किया गया है । आपके साहित्यिक यात्राओं का उल्लेख किया जाए तो विभिन्न संस्थाओं में आपकी सक्रियता और उपस्थिति ने साहित्य को नई ऊंचाइयों प्रदान की है। आपकी निरंतर साहित्य साधना के लिए आपको विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मानित किया गया है और आप इन सभी सामानों के लिए ईश्वर का, पाठकों का आभार व्यक्त करती हैं। आपका कहना है मिलने वाले पुरस्कार और सम्मान आपको भविष्य में श्रेष्ठ और अच्छे लेखन के लिए उत्साहित करते हैं। इस अवसर पर डॉ कल्पना पांडेय ‘नवग्रह ‘ द्वारा संपादित पुस्तक “तुझको क्या हो गया बनारस” के अनावरण का लोकार्पण भी हुआ । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती शकुंतला मित्तल जी ने किया।
सभा में उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों में श्री अतुल प्रभाकर, डॉ शारदा मिश्रा, श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव , श्रीमती वीना अग्रवाल, श्रीमती चंचल वशिष्ठ श्रीमती निरंजन शर्मा, श्री सरोज जोशी, श्री संजय गर्ग, श्री कुमार सुबोध, ने उपस्थित होकर आज के कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया। अंत में आयोजन में आए हुए सभी अतिथियों का दिल से धन्यवाद देते हुए विद्या-प्रेम संस्कृति न्यास के संरक्षक डॉ. आर. के. सिंह ने किया सभी का आभार व्यक्त किया।
नई दिल्ली : भारतीय महिला शक्ति सम्मान समारोह सावित्तीबाई सेवा फाउंडेशन पुणे अंग जन गण और मेरा गांव मेरा देश फाउंडेशन द्वारा 11 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के परिप्रेक्ष्य में और सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रसून लतांत , सचिव हेमलता म्हस्के और अंग जन गण के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा सुधीर मंडल ने कहा कि सावित्री बाई फुले की स्मृति में यह सम्मान इसलिए दिया जाता है क्योंकि वे भारतीय महिलाओं के लिए एक अति उज्ज्वल आदर्श है। उन्होंने देश में तब लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला जब लड़कियों को पढ़ाना पाप समझा जाता था। आज महिलाएं पढ़ लिख कर आगे बढ़ गई हैं लेकिन बहुत से मामलों में उनके साथ भेदभाव बरता जाता है। आज समाज को बार बार यह अहसास दिलाने की जरूरत है कि महिलाएं भी कम नहीं हैं। उन्हें भी उनके अधिकार दिए जाएं उनकी गुणवत्ता और कुशलता को मान सम्मान दिया जाना चाहिए।
यह सम्मान शिखर महिला और पदमश्री डा शीला झुनझुनवाला, के सान्निध्य में पंजाब केशरी न्यूज प्रा लिमिटेड की चेयर पर्सन और मुख्य अतिथि किरण चोपड़ा अतुल प्रभाकर, प्रसिद्ध समाज सेवी इंद्रजीत शर्मा , पदमश्री डा संजय , अज़ीज़ सिद्दिकी ,डा ममता ठाकुर मिल कर देंगें। इस मौके पर वरिष्ठ लेखिका और समाजसेविका डा सविता चड्ढा का सार्वजनिक अभिनंदन किया जाएगा। अनेक सम्मानों और पुरुस्कारों से सम्मानित डा सविता चड्ढा का साहित्य और समाज में योगदान सराहनीय है। महिलाओं के लिए वे आदर्श हैं कि कैसे वे संघर्षों से जूझती हुई अपने मुकाम पर पहुंची। इस समारोह में जिनको भारतीय महिला शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा उनके नाम इस प्रकार हैं। 1.नंदिनी जाधव – पुणे – महिला सशक्तिकरण 2.रत्ना भदौरिया – दिल्ली – साहित्य 3.सांत्वना श्रीकांत – दिल्ली – साहित्य 4.दीपिका तिर्की – जहारखंड – शिक्षा 5.मनीषा धुर्वे – मध्यप्रदेश – शराबबंदी 6.नूतन पांडेय – दिल्ली – पूर्वोत्तर साहित्य 7.शारदा बेन मगेरा – गुजरात – शिक्षा 8.कपना पांडे नवग्रह – दिल्ली – साहित्य 9.डा.श्र्वेता – बिहार – शिक्षा 10.सिनीवाली गोयल – छत्तीसगढ़ – समाज कल्याण 11.वसुधा कनुप्रिया – दिल्ली- साहित्य एवं समाज सेवा 12 डा.जुही बिरला- उत्तर प्रदेश – शिक्षा 13.पुष्पा राय – दिल्ली – समाज सेवा 14.दमयंती बेन गमेती – गुजरात – लोक गायन 15.डॉ.अनीता कपूर – अपेरिका – साहित्य 16.अंजु खरबंदा – दिल्ली – लेखन 17.डी.एम.एस.मधुभाषिणी कुलसिंह (सुगंधि) – श्रीलंका – हिंदी 18.कल्पना झा- दिल्ली – साहित्य 19.मधु बेरिया साह – उत्तराखंड – लोक गायन 20.बाल कीर्ति- दिल्ली – साहित्य 21.संध्या यादव, मुंबई – साहित्य 22.डॉ.पुष्पा जोशी – उत्तराखंड – महिला सुशक्तिकरण 23.स्मिता जिंदल – पंजाब – बाल शिक्षण 24 मिलन धुर्वे मध्य प्रदेश समाज सेवा 25 नाज़नीन अंसारी, साहित्य, दिल्ली
कला-संस्कृति,साहित्य और सामाजिक सरोकारों को समर्पित सविता चड्ढा जन सेवा समिति ने दिए चार सम्मान
हीरों में हीरा सम्मान प्रसून लतांत
साहित्यकार सम्मान डॉ संजीव कुमार
शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान शाहाना परवीन
गीतकारश्री सम्मान रंजना मजूमदार
नयी दिल्ली : सविता चड्ढा जन सेवा समिति, दिल्ली द्वारा हिन्दी भवन में चार महत्वपूर्ण सम्मान प्रदान किए गए । अपनी बेटी की याद में शुरू किए सम्मानों में, अति महत्वपूर्ण “हीरों में हीरा सम्मान” इस बार गांधीवादी विचारक प्रसून लतांत को, साहित्यकार सम्मान साहित्यकार एवं प्रकाशक डॉ संजीव कुमार और शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान शाहाना परवीन और रंजना मजूमदार को गीतकारश्री सम्मान महामहोपाध्याय आचार्य इंदु प्रकाश और इंद्रजीत शर्मा के कर कमलों से प्रदान किया गया। अनिल जोशी और राजेश गुप्ता की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की । शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान समारोह की संस्थापक एवं महासचिव, एवं साहित्यकार सविता चड्ढा ने शाहाना परवीन को सम्मान के साथ साथ पाँच हज़ार एक सौ रुपए की नकद राशि भी प्रदान की और देश भर से पधारे लेखकों, कवियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ये सम्मान माँ और बेटी के मधुर संबंधों को समर्पित है।
अपनी बेटी के लिए पिछले सात साल से प्रारम्भ इन सम्मानों के लिए सविता चड्ढा की सराहना
इस अवसर पर प्रसून लतांत ने स्वयं को हीरों मे हीरा सम्मान दिये जाने पर समिति का आभार व्यक्त किया और सभा को संबोधित करते इन सम्मानों को दिए जाने को साहित्य में सकारात्मकता के रूप में लिए जाना कहा। अपनी बेटी के लिए पिछले सात साल से प्रारम्भ इन सम्मानों के लिए सविता की सराहना की । इस अवसर पर डॉ.संजीव कुमार, डॉ स्मिता मिश्रा। शकुंतला मित्तल ने अपने विचार रखें और इन सम्मानों की निष्पक्षता और चुने जाने की प्रक्रिया अपनी बात कही ।
इस वर्ष प्राप्त पुस्तकों में से अन्य 14 लेखकों की पुस्तकों का चयन भी किया था। इस अवसर पर डॉ विनय सिंघल निश्छल को उनकी पुस्तक, संबंध, व्यक्त अव्यक्त, नाज़रीन अंसारी को ,मां और लफ्जों का संगम पुस्तक के लिए ,. अर्चना कोचर, को तपती ममता में गूंजती किलकारियां संग्रह के लिए , आशमा कौल को स्मृतियों की आहट के लिए ,. राही राज को उनकी पुस्तक पिता के लिए,. कमल कपूर को जिएं तो गुलमोहर के तले, के लिए रत्ना भादोरिया को “सामने वाली कुर्सी” के लिए ,डॉ पुष्पा सिंह बिसेन को उनके उपन्यास “भाग्य रेखा” के लिए,. अंजू कालरा दासन ‘नलिनी’ को उनके संग्रह “आईना सम्बन्धों का” के लिए , यति शर्मा को उनकी पुस्तक “आधी रात की नींद”, हेमलता म्हस्के को “”अनाथों की माँ सिंधुताई” के लिए शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान समारोह ” में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जापान, लंदन, अमेरिका के आलावा दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, मध्य प्रदेश, लखनऊ,आगरा, राजस्थान, मुरादाबाद, इंदौर,बैंगलोर , पंजाब, नोएडा और दिल्ली के साहित्यकार और गणमान्य उपस्थित थे । कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ कल्पना पांडेय ने किया ।
New Delhi : प्रत्येक वर्ष की भांति, इस वर्ष भी 12 दिसम्बर, 2023 को ‘’शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान’’ हिंदी भवन, दिल्ली में दिये जाने है। भारत वर्ष में रहने वाले, किसी भी आयु वर्ग के, महिला-पुरूष, लेखक इसमें भाग ले सकते हैं।
शिल्पी चडढा स्मृति सम्मान में भाग लेने के लिए संबंधों पर आधारित, (दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 के दौरान प्रकाशित ) पुस्तकें आमंत्रित हैं (मां, पिता, देश, भाई, बहन आदि शीर्षक पर ),संबंधों पर प्रकाशित (किसी भी विधा पर ,काव्य संग्रह, लेख संग्रह,नाटक, उपन्यास, कहानी संग्रह आदि ) अपनी पुस्तक की दो प्रतियां कृपया निम्नलिखित पते पर भिजवांंये: सविता चड्ढा जन सेवा समिति (रजि), E.51, Deep Vihar, Rohini Sec.24 (आदर्श हॉस्पिटल के पास ), दिल्ली 110042.पर स्पीड पोस्ट /डाक से भेज सकते हैं। पुस्तक भेजने की सूचना, अपने परिचय और फोन नंबर, संपर्क पते के साथ मेल करना अनिवार्य है। (मेल savitawriter@gmail.com ).
आपकी पुस्तक मिलने के पश्चात आपको मेल पर पुष्टि कर दी जाएगी कि आपकी पुस्तक सम्मान हेतु प्राप्त हो गई है ।
शिल्पी चड्डा स्मृति सम्मान के अंतर्गत चयनित एक पुस्तक को सम्मान स्वरूप नकद धनराशि 5100 रूपये के साथ , प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्रम आदि गरिमामय समारोह में प्रदान किया जायेगा। प्राप्त पुस्तकों में से चुनी गई 10 अन्य पुस्तकों के लेखकों को भी इस सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
समारोह के बारे में सूचना आपको 15 नवम्बर, 2023 तक दे दी जायेगी।
उपरोक्तानुसार आप अपनी पुस्तकें अधिकतम 15 अक्टूबर , 2023 तक भेज सकते हैं।
डाँ. सविता चडढा संस्थापक: शिल्पी चड्डा स्मृति सम्मान समारोह