स्वर्ण युग का आगमन | प्रेमलता शर्मा

22 जनवरी वह पवित्र दिवस है
जब हिंदुस्तान के भाग्य जागेंगे
प्रभु अयोध्या आएंगे
फिर एक बार इस धरती पर
राम नाम ध्वजा फहराएंगे
राम नाम पर शहीद हुए जो
उनका बलिदान रंग लाया है
यह तो प्रभु की माया है
कि यह दिन अब सत्य होने वाला है
आस लिए व्याकुल नैन निहार रहे थे
कि कब प्रभु के पद रज धोकर
कई केवट भवसागर तर जाएगे
कोटि-कोटि भारतवासी के हृदय मे
इस दिन का इंतजार था
हर एक सनातनी के मन मे यही सवाल था
कब इस आर्यावर्त की भूमि पर
आर्य हमारे पधारने
धन्य है वो मां के लाल ,जिनके कर कमलो से अयोध्या का उद्धार हुआ
सतयुग मे तो एक रावण था
कलियुग मे रावण से धरती पटी पडी
इसीलिए यह लंका युद्ध अधिक लंबा
था, और प्रभु को अयोध्या लौटने इतना विलंब हुआ ।
देर हुई तो क्या हुआ राम लला घर आ ही गए ।
प्रभु के आने की खुशी मे हम सब
घर-घर दीप जलाकर दिपावली मनाएंगे ।
फिर एक बार धरती पर राम राज्य आने का सपना हम सब मिलकर सजाएगे।
प्रेमलता शर्मा ( रायबरेली)