दीपावली-diwali poem in hindi

दीपावली प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक हिंदू त्यौहार है जो कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है हर वर्ष दीपावली अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है दीपावली  हिंदुओं का महत्वपूर्ण पर्व  है यह पर्व हमें संदेश देता है ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय का’

माना जाता है की दीपावली उत्सव भगवान श्री राम के 14 वर्ष वनवास समाप्त होने के पश्चात अयोध्या वापस लौटे थे अयोध्या की प्रजा ने हृदय से अपनी राजा के लिए दीप जलाए उसी दिन से दीपावली की शुरुआत हुई भारतीयों का विश्वास भगवान श्रीराम से था उन्होंने सीखा अपने जीवन में की सत्य की सदा जीत होती है असत्य का हमेशा नाश होता है।
दिवाली का दिन नेपाल, भारत श्रीलंका, म्यांमार, मॉरीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा के क्रिसमिस दीप पर एक सरकारी अवकाश होता है

दीपावली


आ गई फिर दीपावली
स्त्रियां हो गई हैं बावली ‌
चाक को कुछ
यूं चलाता कुंभकार
कि मृत्तिका ‌श्रृंगार‌ कर
हो गई श्याम की मतवाली
अब हृदय- घरौंदो‌ से
अपना सिंहासन हटा ली तिमिरावली
प्रेम- रंग सरोवर में डूब ‌कर
अर्चियां बिखेर दी हैं दीपाली
भर दिया है पूरे घर को ‌प्रकाश ने
चमक उठी है लोगों की फिर से दंतावली

डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र
 

डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र
प्रयागराज फूलपुर