चाटुकारिता खत्म हो तो – पवन शर्मा परमार्थी

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चाटुकारिता खत्म हो तो

हमारा भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसकी अपनी मर्यादाएं हैं।
भारतीय संस्कृति के लोग मुरीद हैं। हमारे “अतिथि देवो भव” की परम्परा समस्त विश्व को आकर्षित करती है। बाल से लेकर वृद्ध तक सभी को सम्मान देने में भारतीय कभी पीछे नहीं रहते। सर्वधर्म सम्पन्नता के कारण हमारे देश को बहुत ही नेक दृष्टि से देखा जाता है। यहाँ विभिन्न भाषाओं, उप भाषाओं, जातियों, प्रजातियों के बावजूद यहाँ के लोग मानव एकता का परिचय देते हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि खोट यहाँ की जनता में नहीं, राजनेताओं में है और उनके चाटुकारों में है। राष्ट्र में यदि ऐसे लोग सुधर जाएं तो देश का शत प्रतिशत उद्धार हो सकता है। भले ही वे किसी राजनीतिक दल अथवा पार्टी के हों।

उदाहरण के तौर पर यदि देखा जाए तो कई विदेशी नेता बहुत ही साधारण जीवन जीते हैं। बहुत ही सादगी से देश की जनता के साथ खड़े दिखाई देते हैं। आपने देखा होगा कि भारत के बाहर विदेशी राजनेता आम जनता के बीच बड़ी ही सादगी से रहते हैं और हमारे देश में गाँव के प्रधान अथवा सरपंच भी पूरी ऐंठ के साथ दो-चार चमचों को लेकर घूमते हैं।

हमें उनसे शिक्षा ग्रहण करनी चाहिये कि किसी भी राजनेता क़ो इतना महत्व न दिया जाय कि वह जनता को महत्व देना ही भूल जाए। उसका पिछलग्गू व चाटुकार बनकर रह जाय। विचार करें, वो भी हमारी ही तरह एक इंसान है, हमारे बीच से ही गए हुए प्रतिनिधि ही होते हैं तो फिर….।

होता क्या है कि जब नेता आपके क्षेत्र या किसी गली मुहल्ले अथवा गांव में आते हैं तो उनके साथ मधुमखियों की तरह चिपक जाते हैं, उन्हें माला पहनाकर स्वागत करते हैं, चाय शर्बत अथवा मिठाई खिलाकर उनका अभिनन्दन करते हैं। उनके आगे पीछे घूमते है लेकर ऐसे दौड़ते है जैसे वे भगवान के अवतार हों, किसी का सम्मान करना अच्छी बात है, बुरी बात नहीं, फिर भी इस प्रकार नेताओं के पीछे पागलपन की हद तक पहुँच जान कहाँ की समझदारी है।

अब प्रश्न उठता है कि यदि किसी तुच्छ व्यक्ति को आप इतना बढ़ा-चढ़ा देंगे कि वह अज्ञानवश अपने आपको भगवान समझने लगता है। इसलिए, फिर वही आपके क्षेत्र में आने को तैयार नहीं होते, बल्कि आपको अपने पास बुलाते हैं। क्योंकि आप लोग उनके चाटुकार बन चाटुकारिता का जामा जो पहन लेते हो।

यदि आप इसी प्रकार उनके पीछे पिछलग्गू व चाटुकार बनकर घूमते रहेंगे तो व नेता लोग आपका फायदा उठाते रहेंगे। आप लोग जहाँ हैं, वहीं पर रहेंगे। वे लोग बंगलों में रहेंगे, बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमेंगे। सभी उल्टे सीधे काम करके अपनी तिजोरियां भरेंगे। कालाबाजारी करेंगे या करवाएंगे। जिसमें आपका इस्तेमाल करेंगे। जिससे आप कभी बच नहीं पाएंगे। क्योंकि आप कमजोर होते हैं, पिछलगु होते है, उनके चाटुकार बने होते हैं। यही चाटुकारिता आपके शोषण का कारण बनती है। इसलिए आप देशवासियों से निवेदन है कि चाटुकारिक मानसिकता से बाहर निकलकर, राजनेताओं की बनावटी चकाचौंध से परे होकर अपने अस्तित्व को बनाये रखें और संकल्प लें कि कभी किसी व्यक्ति की भगवान समझकर चाप्लूसी न करेंगे। उनके आगे भारत के एक अदद नागरिक होने के नाते, पूर्ण अधिकार के साथ, पूरी बेबाकी के साथ अपनी बात रखें। यदि अपने वजूद को बचाये रखना है तो। यदि आप ऐसा कर पाए तो समझो आपके साथ समस्त जीवन में कभी कुछ गलत नहीं हो सकता? अगर आप ऐसा नहीं कर पाए तो फिर आप और यह देश तो रामभरोसे ही….।


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पवन शर्मा परमार्थी

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