प्रेम और स्नेह-आरती जायसवाल
आरती जायसवाल की कलम से हिंदी कविता ‘प्रेम और स्नेह’ हमे सन्देश देती है कि हमे मानव जीवन प्रेम और स्नेह का साथ कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए प्रेम का मानव जीवन मे बड़ा महत्व है कविता पढ़कर आप इसको महसूस करेंगे आपको अच्छी लगे तो सोशल मीडिया में शेयर अवश्य करे
प्रेम और स्नेह‘*
प्रेम और स्नेह की वृष्टि
कभी देखी है तुमने ?
नहीं ये दर्शनीय वस्तुएँ नहीं हैं ,
ये शांत -शाश्वत व मधुर
अनुभूतियाँ हैं ,
इन्हें अनुभव ही किया जा सकता है।
ये आत्मा से उपजकर रोम -रोम से फूटती हैं
और वाणी से झरती हैं ।
दृष्टि से सभी को आप्लावित करती हैं
तथा सबको तुमसे जोड़ देती हैं।
क्या तुमने कभी
अनुभव किया है वह जोड़ ?
कि सभी तुमसे जुड़ गए हों
अदृश्य बंधन में बँधकर
सत्य कह रही हूँ ।
कि जब तुम ये अनुभूतियाँ प्राप्त कर लोगे
स्वयं को संसार में सर्वाधिक संपन्न समझोगे
जिसे किसी वस्तु का अभाव नहीं रहता है।