Lunar Eclipse Chandra Grahan 2021 : सूतक काल जानिये

Lunar Eclipse Chandra Grahan 2021 : सूतक काल जानिये

चंद्र ग्रह्ण क्यों होता है और किन शहरो में इसका प्रभाव रहेगा 

चंद्र ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका ज्योतिषीय प्रभाव इस वर्ष का कुछ क्षेत्रों पर ही पड़ेगा । चंद्रमा मन का कारक होता है और इसका प्रभाव सीधे व्यक्ति के मस्तिष्क पर पड़ता है।
जिन क्षेत्रों में यह ग्रहण दिखाई देना है उनमें कोलकाता गुवाहाटी जोरहाट डिब्रूगढ़ सिलचर शिलांग दिमापुर तेजू ईटानगर अगरतला और इंफाल शामिल है।

चंद्र ग्रहण का समय  २६ मई २०२१ को

इस ग्रहण में चंद्र का कुछ भाग ही प्रभावित होगा लेकिन कुछ विशेष लोगों को इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है दोपहर में 3:00 से 6:00 के बीच में पड़ने वाले इस ग्रहण में किन लोगों को सावधानी बरतनी है उस पर ध्यान दें।
भले ही जिन क्षेत्रों में जहाँ  दिखाई देगा वहां पर ही सूतक माना जाएगा फिर भी कुछ लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

चंद्र ग्रहण के दौरान सावधानियां

१. चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले लगता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से घर के अंदर रहना चाहिए

२. देवी जी का कोई मंत्र उन्हें जपना चाहिए साथ ही अपने पास एक चाकू अवश्य रखना चाहिए क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा हो जाता है और गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे पर उसका प्रभाव पड़ने की आशंका रहती इसलिए ऐसी महिलाओं को यह उपाय करना चाहिए।
३. साथ ही किसी प्रकार की वस्तु को काटे नहीं चाहे वह सब्जी हो या कपड़ा हो या फिर लकड़ी। हो सके तो जितनी देर चंद्र ग्रहण पड़े आप सोए ना और देवी जी का कोई मंत्र जपते रहें। अगर कोई मंत्र नहीं आता है तो ओम दुर्गाय नमः का ही जाप करें।
४. ग्रहण के उपरांत स्नान कर लें अगर स्नान नहीं कर सकते तो अपने ऊपर गंगाजल जरूर आचमन कर ले क्योंकि यह नकारात्मक घटना है जिसका प्रभाव इतना होता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान समुद्र का जल भी उफान मारने लगता है।

इस ग्रहण का उन लोगों पर विशेष प्रभाव होता है जो मानसिक रूप से किसी परेशानी से ग्रसित होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा नीच राशि का होता है या फिर ग्रहण दोष होता है उनको विशेष तौर पर चंद्र ग्रहण के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए और इन दोष से मुक्ति के लिए भी अच्छा दिन होता है । ओम नमः शिवाय का जाप और ॐ सोम सोमाय नमः का जाप विशेष तौर पर ऐसे लोगों को लाभ पहुंचाने वाला होता है।
क्योंकि यह ग्रहण चंद्रमा की नीच राशि यानी की वृश्चिक राशि में ही पड़ रहा है।


पूजा गुप्ता
ज्योतिर्विद

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Akshaya Tritiya 2021:अक्षय तृतीया में क्या करना चाहिए

Akshaya Tritiya 2021

अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है

अक्षय तृतीया सनातन हिंदू धर्म का एक ऐसा पर्व है जिसमे कहा जाता है जो करेंगे उसका विशेष लाभ मिलेगा।
वैसे तो जनसाधारण में यह प्रचलन है कि सोना खरीदेंगे तो दिन दुगनी रात चौगुनी सफलता मिलेगी और उससे ज्यादा सोना वह बन जाएगा लेकिन सोना खरीदने तक ही सीमित नहीं है अक्षय तृतीया का महत्व सबसे पहले इसका महत्व जानेंगे कि आखिर क्यों खास है यह दिन जिसे हम अक्षय तृतीया कहते हैं।


अक्षय तृतीया का महत्व

Akshaya Tritiya 2021

आज के दिन सूर्य और चंद्र दोनों ही एक साथ अपनी उच्च राशि में रहते हैं अगर हम सनातन धर्म की महत्वपूर्ण घटनाओं की बात करें तो वह इस प्रकार है आज के ही दिन भागीरथी जी की प्रार्थना पर मां गंगा ने धरती पर आगमन किया था। आज के ही दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म दिवस मनाया जाता है।
आज के ही दिन से महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए शुभारंभ किया था। आज के ही दिन से मथुरा के बांके बिहारी जी का दरबार खोला जाता है उनके चरणों के दर्शन किए जाते हैं। अन्य की देवी माता अन्नपूर्णा का भी जन्म आज के ही दिन माना जाता है।आज के ही दिन भगवान केदारनाथ जी के पट खोले जाते हैं और उनके भक्त दर्शन करते हैं।
बंगाली समुदाय में आज के ही दिन से खाता बही का शुभारंभ किया जाता है। क्योंकि आज के दिन को यह लोग शुभ मानते हैं।


आप इस का कैसे लाभ ले सकते हैं

यह थी वह महत्वपूर्ण बातें हैं जिनकी वजह से अक्षय तृतीया का महत्व है अब हम जानेंगे कि आप इस का कैसे लाभ ले सकते हैं।
गृहस्थ जीवन के सभी लोगों को यह दो उपाय आज के दिन अवश्य करने चाहिए।
1. किसी पात्र व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं जिसमें चावल अवश्य हो।
2. आज के दिन आप अगर अपने गुरु मंत्र को जपते हैं तो उसका अधिक लाभ होता है अगर आपके पास गुरु मंत्र नहीं है तो आप अपने इष्टदेव या कुलदेवी या कुलदेवता का मंत्र का जाप कर सकते हैं साथ ही अगर आप कोई विशेष मंत्र करते हैं तो उसको भी जाप करने से वह कई गुना ज्यादा फल आपको देता है।

विशेष कार्य की सिद्धि हेतु विशेष उपाय किए जा सकते हैं।

1_ आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है अगर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पीले और लाल कपड़े धारण करके अपने घर के मंदिर में एक आम की पाटे के ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर उसमें दो अष्टदल कमल हल्दी से बनाएं उसके ऊपर धूप दीप और कुमकुम से उस कमल की पूजा करें। उसके उपरांत विष्णु भगवान को बाई ओर के कमल पर और माता लक्ष्मी को दाहिने ओर के कमल पर रखें। अगर प्रतिमा नहीं है तो आप भावपूर्ण पूजा भी कर सकते हैं आपके मन में भाव हो कि माता लक्ष्मी और विष्णु जी साथ में आपके चौकी पर बैठे हैं।
शुद्ध घी का दीपक जलाएं उसमें हल्दी डाल दें ध्यान रखे देशी कलावे की ही बत्ती लगाएं। उसके बाद भाव पूर्ण तरीके से अगर आपके पास कमलगट्टे की माला है तो अति उत्तम नहीं तो स्फटिक की माला से भी आप माता लक्ष्मी का जाप करें और अगर हल्दी की माला है तो उससे विष्णु जी का मंत्र का जाप करें अगर हल्दी की माला नहीं है तो आप कमलगट्टे या फिर तुलसी की माला से ही विष्णु जी का जाप कर सकते हैं।
आप सच्चे मन से विश्वास के साथ प्रार्थना करें कि माता लक्ष्मी का स्थाई निवास आपके निवास पर हो।

विष्णु जी का मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय
माता लक्ष्मी का मंत्र
ओम श्रीम‌् नमः

मंत्र पूरे होने के बाद आप आसन के नीचे जल की दो बूंद डालकर उसे तीन बार माथे पर लगाए तभी आसन से उठे।
नोट मंत्र पूरे होने के बाद आपको माता लक्ष्मी के सामने दीपक जलाकर जो रखा है वो रखा रहेगा आरती में जो दीपक प्रयोग किया जाएगा । उसके लिए कपूर से आरती करें और पूरे परिवार को हल्दी का तिलक लगाएं।
संध्या काल में आपको पुनः यही प्रतिक्रिया दोबारा करना।
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विद्यार्थी के लिए

अगर आप विद्यार्थी हैं आपके लिए भी ये दिन विशेष है आपको गणेश जी का या फिर माता सरस्वती जी किसी भी मंत्र का जाप इस दिन अपने घर के मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर करना है और प्रार्थना करनी है कि हमें हर परीक्षा में सफलता प्रदान करें।
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व्यापारियों के लिए

अगर आप व्यापारी हैं तो आपके लिए भी यह दिन विशेष है सुबह ब्रह्म मुहूर्त में एक ₹100 का नोट और कुछ पांच के सिक्के लेकर आपको अपने घर के मंदिर में लेकर बैठना है पाटे पर लाल कपड़ा बिछाकर सिक्के और नोट को उस लकड़ी के पाटे पर रख देना है। उसके उपरांत गणेश जी का मंत्र जाप करना है और उसके बाद माता लक्ष्मी और विष्णु जी के किसी भी मंत्र का आप श्रद्धा पूर्वक करें जो पैसे आपने पूजा में रखे थे उन पर हल्दी और कुमकुम का टीका लगाएं और उसे लाल कपड़े में लपेटकर अपने गल्ले में रखें। धन लक्ष्मी के स्थाई निवास की प्रार्थना करें पूर्ण विश्वास के साथ प्रार्थना करें।
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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए

अगर आप नौकरी की तलाश में प्रतियोगी परीक्षा दे रहे हैं आपके लिए भी यह दिन शुभ है सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके अपने घर के पूजा घर में बैठना है और अपनी कलम की पूजा करनी है साथ ही गणेश जी के मंत्र की एक माला जप कर सूर्य देव के मंत्र ओम घृणि सूर्याय नमः या फिर ओम सूर्याय नमः का जाप करना है और सूर्य नारायण का उसी मंत्र का श्रद्धा पूर्वक हवन करना है ध्यान रहे सूर्य नारायण के हवन सामग्री में गुड़ जरूर डालें।
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आप धन प्राप्ति चाहते हैं तो दिन भर इस दिन आप धनम् देहि धनम् देहि मन में माता लक्ष्मी को ध्यान में रखते हुए जपते रहें।
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यह थी अक्षय तृतीया के महत्त्व और उस दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय किसी भी ज्योतिषीय परामर्श के लिए संपर्क कर सकते हैं।


ज्योतिविद‌्
पूजा गुप्ता
9554322828