वर्तमान स्थिति में लव मैरिज बेहतर क्यों और कैसे?
शादी का मौसम चल रहा है , सभी अपने सगे सबंधी के शादी समारोह के लिए शॉपिंग करते हुए आपको बाज़ारों में दिख जायेंगे। कुछ दिनों पहले अख़बार में मैंने पढ़ा कि इस वर्ष शादी समारोह में पांच लाख करोड़ का रेवेन्यू आएगा जो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। भारत में दो चीजे ऐसी है जिन पर पैसा लगाओ कम ही है, एक घर बनाना दूसरा शादी , हमने भारत में शादी के बदलते कल्चर को देखा है पहले बाराती पांच छः दिन रूकती थी। अब कुछ घंटो में बाराती चल देते है शादी में सगे- सबंधी कुछ समय पहले रुकते थे , आपस में मेल- जोल बढ़ता था। साथ में भोजन की व्यवस्था होती थी। हलवाई मिठाई बनाता था , बड़े बुजर्ग अपने सामने साफ सफाई से पूरा खाना पीना तैयार करते थे। अब वो दौर चला गया , अब होटल ,रेस्टोरेंट ने उसकी जगह ले ली है , वो खाने का स्वाद भी फीका सा लगता है , अब हम अपने टॉपिक पर आते है कि ये संस्मरण मैंने अपने अनुभवों को देखते हुए लिखा है , जो वर्तमान स्थिति से लिया गया है।
1 . लव मैरिज से दहेज प्रथा पर लगेगा लगाम
आज फिर एक बेटी दहेज़ के कारण आत्महत्या को मजबूर हो गयी , सुबह ही अख़बार में मैंने पढ़ा। सभी पढ़े लिखे लोग थे , पढ़े लिखे लोगो में डॉक्टर उनका पेशा था , जिस देश में नवरात्रि में देवी की पूजा होती है , उसी देश में घर आने वाली देवी को ख़रीदा जाता है , ये प्रथा को पढ़े लिखे लोग ही बढ़ावा दे रहे है , मैंने कुछ समय एक वेबसाइट पढ़ी थी जिस पर आईएएस , बैंकिंग, रेलवे सरकारी नौकरी वालों के दहेज़ के रेट लगे थे , जिस पर बोली लगती है। अब जब प्रेम विवाह की बात करे तो इस विवाह में प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को जानते है ,इस परिस्थिति में मंदिर , कोर्ट में विवाह को करते हुये देखा गया है। बाद में दोनों पक्ष रिसेप्शन पार्टी भी दे देते है , जिससे दोनों पक्ष खुश रहते है।
2 . अरेंज मैरिज के दौरान बढ़ते खर्चे
इसी साल में अपने रिश्तेदार की शादी में गया , इस दौरान पांच से छः फंक्शन हुए लड़की के पिताजी ने इस शादी में एक करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये , पिता ने अपनी बेटी के लिए जो वर चुना था , वो सरकारी अधिकारी था फिर भी उसने दहेज़ लिया , ये देखा गया अरेंज मैरिज में लोग ज्यादा खर्चा करते है ये आंकड़े बोल रहे है आने वाले चार महीने में चार लाख करोड़ अर्थव्यवस्था में शादी समारोह से आएगा करीब 38 लाख शादी भारत में होगी , भारत में 75 % लोग अरेंज मैरिज करना पसंद करते है ये आंकड़ा है ये बदल रहा है। वही लव मैरिज में ख़र्चे कम होते है ये आपने महसूस किया होगा।
3 . लिव इन रिलेशनशिप बनाम लव मैरिज
कुछ समय पहले लिव इन रिलेशनशिप की एक घटना ने पूरे भारत को सोचने पर मजबूर कर दिया है , ये भारत वर्ष में एक रोग की तरह सामने आ रहा है , जिसमे हमारी युवा पीढ़ी को शिकार बनाया है। जो डेवलप देश है वहां विवाह तो नाम मात्र है वहां इस तरह के रिवाजो के चलते युवा पिता नहीं बनाना चाह रहे है , जिसके चलते पहले रिश्तो में ब्रेकअप और फिर तलाक होता है , इस लिव इन रिलेशनशिप के दौरान पुत्र या पुत्री की प्राप्ति होती है तो नया शब्द आया है सिंगल पेरेंट्स जिसमे माँ को ही बच्चे की परवरिश करनी पड़ती है, इस दौरान समाज के ताने भी सुनने पड़ते है। इन्ही रिवाजो के चलते विकसित देश में बुजुर्गो की संख्या में बढ़ोतरी देखी गयी है। इसलिए कहा जा सकता है भारत में आप आपसी सहमति से विवाह करे या प्रेम विवाह करे , दोनों को स्थान है पर लिव इन रिलेशनशिप समाज का अभिशाप है , ये नैतिक दृष्टि से बिलकुल सनातन संस्कृति के विरुद्ध है।
4 . अंतिम समय में निर्णय सही नहीं होते ये कोई बॉलीवुड मूवी नहीं है
आपने हिंदी मूवी देखी होगी वहां प्रेम विवाह पर पूरी मूवी केंद्रित होती है , लेकिन जब प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को चुनते है तो वहां पिता और माँ को विलन दिखा दिया जाता है। आखिर में होता है शादी के दौरान प्रेमिका जहर खा लेती है या प्रेमी के साथ भाग जाती है। पिछले दो दशकों में गांव में रोज ही ये घटनाये देखने को मिल रही है शहरों में 1980 के बाद प्रेम विवाह प्रांरभ हो चुके थे ,यहाँ हम हाल ही एक केस स्टडी से समझते है आजकल यूट्यूब पर मनोज दे जो फेमस यूटूबर है मनोज ने प्रेम विवाह किया दोनों यूटूबर थे , भाग के कलकत्ता में शादी की , फिर आ कर परिवार से सॉरी बोला , दोनों परिवार राजी , इसी घटना से एक कहावत याद आती है मिया बीबी राजी तो क्या करेगा काजी। प्रेम विवाह में माँ बाप को बता देना ठीक होता है , अंतिम समय में जब बताया जाता है माँ बाप की सामाजिक प्रतिष्ठा ख़राब होती है साथ ही माँ बाप की जमा पूंजी खर्च हो जाती है। 2023 में आज की पीढ़ी तो बता देती है , जिस कारण प्रेम विवाह सफल भी हो रहे है।
5 . परिवार का सपोर्ट न करना प्रेम विवाह की सबसे कमजोर कड़ी है
जब प्रेम विवाह होता है ज्यादा देखा गया है भाग कर शादी होती है , जिस कारण माता पिता , सगे संबंधी नाता तोड़ लेते है। इस दौरान फाइनेंसियल सपोर्ट ख़त्म हो जाता है। प्रेमी और प्रेमिका को जॉब या बिज़नेस करना पड़ता है। साथ ही समाज से सुनना पड़ता है , लेकिन ये नजरिया भी बदल रहा है अगर आप माँ या पिता में से एक को इस प्रेम के बारे में बताये तो फाइनेंसियल सपोर्ट होता है। प्रेम विवाह के दौरान सपोर्ट लेकर चले नहीं तो आने वाली समस्याएं आपके रिश्ते को कमजोर कर सकती है।
6 . प्रेम विवाह किया है कोई पाप नहीं
प्रेम विवाह में प्रेम ही सबसे बड़ी चीज है , प्रेम के बिना रिश्ता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्रेम विवाह तो भगवान श्री कृष्णा ने भी किया , पर आज की पीढ़ी सुंदरता पक्ष देखकर प्रेम करती है ये सच्चा प्रेम नहीं है , प्रेम को हम गोपियों से सीख़ सकते है , ये ही पक्ष प्रेम को निश्छल बनाता है। प्रेम विवाह करिये लेकिन गोपियों जैसा त्याग भी अपने चरित्र में अपनाइए।
आशा है कि ये लेख आपको पसंद आया होगा ,प्रस्तुत लेख मैंने अपने संस्मरणों पर तैयार किया। ये लेखक की निजी राय है , इसका कोई उद्देश्य नहीं है पाठको को आहात करना है।