संस्मरण(मैं और मेरी मां) / रत्ना सिंह

संस्मरण(मैं और मेरी मां) जब मैं करीब पांच साल की थी तब पापा ने प्राथमिक विद्यालय में मेरा दाखिला करवा दिया,जो मेरे घर के पीछे था।मेरे पास कोई काम नहीं होता था ,भला पांच साल की बच्ची क्या काम करेगी । लेकिन सुबह उठकर खेल में लगे रहने का काम तो कर ही सकती है। मैं वो सब कुछ नहीं बस सुबह उठी‌ मुंह धोया और कपड़े पहने , बैग लिया हर दो मिनट में मम्मी अब जाऊं, मम्मी अब जाऊं कहती रहती ।

मुझे वो दिन खूब याद है जब मम्मी ने पीठ पर धौल जमाते हुए कहा कि सुबह से कुछ नहीं बस उठी और परेशान करना शुरू कर दिया जब समय हो‌गा तो बता दूंगी । चल बैठ इधर , कुछ देर बैठी फिर मम्मी जाऊं, मम्मी जाऊं पता नहीं क्यों मुझे ये लगता कहीं देर न हो जाये। देर तो कभी नहीं होती लेकिन मम्मी परेशान होकर डांट देती तो कभी पिटायी भी कर देती।

एक दिलचस्प बात यह है कि मैं बेहद जिद्द लड़की घर में जो चीज नहीं होती वही चाहिए होती, तब भी मम्मी की डांट पड़ती।एक दिन मैंने मम्मी को कहा कि देखना बड़ी हो जाऊंगी तो तुमसे बहुत दूर जाकर नौकरी कर लूंगी फिर आऊंगी नहीं तब तुम रोते रहना । मम्मी उस समय गुस्से में कह देती कि ठीक है चली जाना कमसे कम घर में थोड़ी शांति रहेगी। कुछ छड़ बाद अपनी नम आंखों से गले लगाती और कहती बेटा जिद्द नहीं करते तू तो अच्छी बिटिया है मेरी।

एक घटना और है जो मुझे बेहद याद आती है जब मैंने प्राथमिक विद्यालय की पढ़ाई खत्म करके, आगे की पढ़ाई के लिए गांव से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर एक स्कूल में दाखिला लिया तो कभी-कभी मम्मी डांटती थी तो शाम को स्कूल छुट्टी के बाद रास्ते में बैठ जाती और देर से घर आती । तब तक मम्मी खाना नहीं खाती थी । मेरे घर पहुंचने पर मेरे साथ मम्मी खाना खाती और मुझे समझाती ।

धीरे -धीरे पढ़ाई पूरी कर मैंने नौकरी के लिए दिल्ली की ओर चल पड़ी। उस दिन मम्मी और मैं एक दूसरे को पकड़कर घंटों रोये थे लेकिन मम्मी ने मुझे हंसाने के लिए कहा पहले तो तू कहती थी ,दूर चली जाऊंगी फिर आज —-। सच में आज जब नौकरी से शाम को अपने हाथ से खाना बनाती हूं तब खाने के लिए मिलता है, कभी कभी मन नहीं होता तो भूखे सो जाती हूं । कभी कभी छः महीने बीत जाते हैं मम्मी के हाथ का खाना नहीं मिलता। मम्मी के साथ बहुत सी यादें हैं जो मैं लिखते हुए भी नहीं लिख पा रही हूं। सच मम्मी आपके प्यार और ममता से कभी कोई उऋण नहीं हो सकता। मैं तो कभी भी नहीं। आपकी प्यारी बिटिया रत्ना हैप्पी मदर्स डे लव यू मां