हिंदी रचनाकार की दो साल की यात्रा | संस्मरण

हिंदी रचनाकार की दो साल की यात्रा | संस्मरण

साहित्य हर देश का महत्वपूर्ण अंग होता है, जब कोरोना की बीमारी चरम पर थी। उस समय आदरणीय डा. संतलाल का इंटरव्यू quami reporter पर देखा। वो समय डरावना था 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन हो चुका था।सभी घर पर रामायण, टीवी पर देख रहे थे। साल 2020 मैं पंकज भईया से भी मिला , इस साल जनवरी से मार्च तक एनजीओ के स्कूल में पढ़ा रहा था । लेकिन कोरोना की वजह से बच्चों को पूरा पढ़ा नहीं पाएं, ये सभी बच्चे बाल श्रम करते थे,कुछ दिनों पहले रायबरेली की इस कालोनी में गया था, पता चला कि कुछ बच्चो ने पढ़ाई अपनी जारी रखी है, कुछ बच्चे आर्थिक स्थिति अच्छी न होने से कार्य भी कर रहे है। चलो अपने शीर्षक पर आते है, हिंदी रचनाकार समूह का जन्म आदरणीय डॉक्टर संतलाल का साक्षात्कार से,

जिसे पंकज भईया ने लिया, इस साल हिंदी विषय में भी काफी बच्चे फैल हुए थे , इसके बाद पंकज भईया ने दूसरा साक्षात्कार

आदरणीय वैशाली चंद्रा का लिया, इन दोनो साक्षात्कार के प्रभाव से 30 अगस्त 2020 को हिंदी रचनाकार समूह की वेबसाइट ब्लॉगर पर थी, पहली रचना प्रकाशित महादेवी वर्मा की, इसके बाद 10 सितम्बर 2020 को हिंदी रचनाकार समूह के व्हाट्स ऐप ग्रुप की शुरुआत हुई। इस शुरुआत में पंकज भैया, डॉ. संतलाल जी, डॉ. रसिक किशोर नीरज जी, डॉ. अशोक गौतम जी, डॉ.दयाशंकर , डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र, डॉ. वैशाली चंद्रा, कल्पना अवस्थी जी, डॉ. शैलेंद्र जी, आरती जायसवाल जी, आदरणीय पुष्पा श्रीवास्तव शैली जी, आदरणीय सविता चड्ढा जी, आदरणीय आशा शैली जी, स्वर्गीय सीताराम चौहान जी, बाबा कल्पनेश जी, हरिशचन्द्र त्रिपाठी हरीश जी, परम हंस मौर्य, आदि अन्य साहित्यकार जिनकी वजह से हिंदी रचनाकार समूह दो वर्ष पूरे कर पाया। मै क्षमा भी मांगता हूं जिनका भूलवश नाम नही लिख पाया हूं। आगे हम बढ़े हिंदीरचनाकर की दो वेबसाइट सितम्बर २०२० और दिसंबर 2020 में लांच की। वर्तमान में हिंदीरचनाकर कॉम पर ५०० से अधिक रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी है , साथ ही हिंदीरचनाकर इन पर २०० से अधिक कहानी , संस्मरण , लेख का संग्रह तैयार हो चुका है। साथ ही वर्तमान स्थिति में हिंदीरचनाकर सोशल मीडिया पर एक्टिव है , कुछ महीने पहले ट्विटर पर १००० फॉलोअर की उपलब्धि प्राप्त हुयी , साथ ही फेसबुक पेज , कोरा , यूट्यूब पर एक्टिव रूप से कार्य कर रहे है। हमारी टेक्निकल समस्याओ को दूर करते है अमन जी , साथ ही गुलशेर अहमद जी का शुक्रिया जिनका सहयोग हमेशा बेहतर करने के लिए होता है। आपको बता दे चले गुलशेर अहमद जी पेशे से Enginer है , साथ ही कविताघर वेबसाइट के संस्थापक है। 2021 , 2022 में ऑनलाइन स्तर की प्रतियोगिता हिंदी रचनाकार के सौजन्य से सफलता पूर्वक संपन्न हुयी। आगे भी उम्मीद है कि ऐसी प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन भी होंगी।

कुछ लोगो का साथ मिला और कुछ लोगो ने साथ छोड़ दिया

दो साल में १०० से अधिक रचनाकारों ने अपनी रचनाएं भेजी और हमारी टीम ने उसको प्रकाशित किया। स्वर्गीय सीता राम चौहान जी ने हिंदी रचनाकार के लिए काफी रचनाये लिखी, दुर्भाग्य वश हमारे बीच नहीं रहे। हिंदी रचनाकार टीम उनकी सदैव हमेशा आभारी रहेगी। पवन शर्मा परमार्थी  जी ने भी काफी रचनाये लिखी ,दुर्भाग्य वश हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन कलम की आवाज़ अभी भी जिन्दा है आप सभी इनकी रचनाये हिंदी रचनाकार की वेबसाइट पर पढ़ सकते है। नए रचनाकार इन दो सालों में जुड़े , उससे काफी उत्साह बढ़ता है , प्रदीप प्यारे, अभय प्रताप सिंह ,ज्योति गुप्ता जी , आदरणीय गोविन्द गज़ब जी , आदरणीय रश्मि लहर जी , आदरणीय सुदामा जी , रत्ना जी ,भारमल गर्ग “साहित्य पंडित”, आदि अन्य रचनाकार जो लगातार जुड़ रहे है . इसके लिए हिंदी रचनाकार की पूरी टीम आप सब की आभारी है।

भविष्य की योजनाएँ

साहित्य का स्वर्ण युग पर नजर डाले , तो कवि प्रदीप जी , गोपाल दास नीरज , फणीश्वर रेणु , आदि साहित्यकारों का नाम उनकी रचनाओं और उस पर बॉलीवुड का प्रभाव के कारण हुआ। आज हम देखते टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया की वजह से अपनी रचना को नया आयाम दे सकते है और इसके लिए बॉलीवुड की भी जरूरत नहीं है ,इसको उदारहण से समझते है कि यूट्यूब और वेबसाइट , आपको अपने कार्य के लिए अच्छा पैसा देता है। साहित्यकार को इन प्लेटफार्म को समझना होगा , इस तरह नए रचनाकार आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते है। साथ ही किताब का नया रूप बदला है आजकल नए श्रोता ऑडियो बुक पसंद कर रहे है , तो हमे उस रूप में आना होंगा। साथ ही पॉडकास्ट के माद्यम से कहानी और संस्मरण ला सकते है। नयी पीढ़ी को नया कलेवर चाहिए , इसके लिए हिंदी रचनाकार भी प्रयास कर रहा है , यूट्यूब पर 800 से ज्यादा सब्सक्राइबर इस बाद का प्रमाण है कि हमारा कंटेंट ठीक है इसको हम हर दिन बेहतर करने का प्रयास कर रहे है। ट्विटर पर हमे अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। साथ ही हम आने वाले सालो में संस्मरण, कहानी , कविता ,उपन्यास को नए रूप में लाने का प्रयास करेंगे।

संगठन ही शक्ति है इसके लिए सभी रचनाकारों का शुक्रिया

वेबसाइट और वीडियो कंटेंट तैयार करना इतना आसान नहीं होता है , साथ ही रचनाकार अपना समय और खून पसीना के साथ रचना तैयार करता है। इस प्रक्रिया में कोई धन का अर्जन करना नयी छुपा है। इसलिए सभी रचनाकारों का हृदय से धन्यवाद देते है। इस अर्थयुग में आपका मार्गदर्शन हमारी पूरी टीम के लिए उत्साह को बढ़ाता है। हमारे कैमरामैन नीरज भैया का शुक्रिया जो हमारे कार्यक्रम में अपना योगदान देते है। साथ ही विशेष आभार श्री पंकज गुप्ता जी , डॉ. संतलाल जी का , डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज जी का , आदरणीय पुष्पा श्रीवास्तव शैली जी का , डॉ. सम्पूर्णान्द मिश्र जी , आदरणीय अनंग पाल सिंह भदौरिया’अनंग जी, आदरणीय रश्मि लहर जी का , डॉ. अशोक गौतम जी , आदरणीय हरिश्चंद्र त्रिपाठी हरीश जी का , आदि रचनाकार हर दिन हमारा सहयोग करते है इसके लिए ह्रदय से आभार।