आंखें लघुकथा | प्रदीप सिंह | Hindi Short Story

आंखें ( लघुकथा )

एक लड़की थी , बचपन से ही अंधी थी। उसके बॉयफ्रैंड को छोड़कर , शायद सभी उससे नफरत करते थे। वह हमेशा कहा करती कि अगर मैं देख सकती तो तुमसे जरूर शादी कर लेती।

एक दिन अचानक किसी ने उसे अपनी आंखें दान कर दीं। उसने अपने बॉयफ्रैंड को देखना चाहा। वह उसे देखकर काफी हैरान हुई कि उसने जिसे चाहा वह भी अंधा ही है। लड़के ने पूछा कि अब तो तुम्हें आंखें मिल गई है , अब मुझसे शादी करोगी न ?

लड़की ने अपने पुराने रिश्ते को भुलाकर इस शादी से साफ-साफ इन्कार कर दिया। लड़का ये कहकर वहां से हमेशा के लिए चला गला कि मेरी आंखों का ख़्याल रखना।