hindi diwas speech/के0डी0 हिंदी शोध संस्थान, रायबरेली

हर घर की नाम पट्टिका हो हिंदी में : डॉ चंपा श्रीवास्तव

hindi diwas speech:के0डी0 हिंदी शोध संस्थान, रायबरेली की तरफ से विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में डॉ चंपा श्रीवास्तव पूर्व अध्यक्ष कला संकाय अधिष्ठाता छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर ने अपने उद्बोधन में कहा के हिंदी आज न कि भारतवर्ष में बल्कि संपूर्ण विश्व में अपना एक बृहद रूप स्थापित कर चुकी है उन्होंने यह भी कहा आइए हम सब विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर यह संकल्प लें के हम अपने घरों की नाम पट्टिका को हिंदी में लगवाने का काम करें। डॉ0 आर बी श्रीवास्तव प्राचार्य ने हिंदी दिवस के अवसर पर विश्व में हिंदी के बढ़ते हुए प्रभाव को जो उन्होंने विदेश यात्राओं में व्यावहारिक रूप से देखा उसको सभी के समक्ष रखते हुए कहा कि विश्व में ऐसे भी राष्ट्र हैं जहां पर हिंदी को पढ़ने पढ़ाने और हिंदी के क्षेत्र में वहां की सरकारें रोजगार देने में वचनबद्ध हैं। विदेशों की सरकारें यह सदैव प्रयासरत रहती हैं कि हिंदी सिर्फ व्यावहारिक भाषा ही नहीं कार्यालयों की भाषा एवं पत्र व्यवहार की भाषा बने।

पढ़े : कुंकुम सा काश्मीर : डॉ संतलाल
hindi diwas speech:असि0 प्रोफेसर अशोक कुमार ने हिंदी के वैश्विक स्तर की महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री माननीय मनमोहन सिंह ने नागपुर में 10 जनवरी 2006 ने कहा कि आज से प्रतिवर्ष ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाएंगे। भारत ही नहीं मारीशस बाली जकार्ता जैसे राष्ट्र हिंदी को अपनी कार्यालयों की भाषा, पत्र व्यवहार की भाषा एवं पठन-पाठन की भाषा के रूप में स्थापित कर रहे हैं। आज हिंदी अपना एक बृहद रूप स्थापित कर रही है हम सब सौभाग्यशाली हैं के ऐसे राष्ट्र में मेरा जन्म हुआ जहां की भाषा बहुधा हिंदी है।अशोक कुमार ने आगे कहा कि अंग्रेजी व्यापारिक भाषा है तो हिंदी मन से मन को जोड़ने वाली भाषा है।

पढ़े : खनकै शरद कै कंगनवा

hindi-diwas-specch

hindi diwas speech:दयाशंकर राष्ट्रपति पुरस्कृत असिस्टेंट प्रोफेसर ने सभी को हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा के हम और हमारी हिंदी हमारी पहचान है हमें अपनी पहचान को विश्व पटल पर अपने लेखन से स्थापित करना इसके लिए हमें हिंदी को और सबल एवं समृद्ध बनाना चाहिए। भारत के वर्तमान महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने सभी न्यायालयों के ये सुक्षाव दिया है कि क्यूं न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों के फैसले हिंदी में सुनाएं जाएं ताकि हमारे देश की गांव में निवास करने वाली कम पढ़ी लिखी जनता भी उसे पढ़ सकें और समझ सके “हिंदी पढ़ें-हिंदी बढ़े” ऐसी धारणा के साथ हम सब हिंदी को उत्तरोत्तर विश्व की अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में देखना चाहते हैं। यह हमारे लिए प्रसन्नता की बात है। के0डी0 शोध संस्थान के सचिव एवं चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी हम सभी विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आज से यह संकल्प लें के कार्यालय में या बैंक खातों में जहां भी हम हस्ताक्षर करें, हिंदी में करें।कार्यक्रम का संचालन डॉ0 पूर्ति श्रीवास्तव असिस्टेंट प्रोफेसर मनोविज्ञान ने किया।