डॉ.रसिक किशोर सिंह नीरज रायगढ़ छत्तीसगढ़ में सम्मानित.

डॉ.रसिक किशोर सिंह नीरज को रायगढ़ छत्तीसगढ़ में किया गया सम्मानित.

 
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रामदास अग्रवाल के स्मृति में सम्पन्न हुआ साहित्य सम्मेलन

तथा स्मृति अंक सहित दो पुस्तकों का हुआ विमोचन ।

रायगढ़ ( छत्तीसगढ़) में ‘नयी पीढ़ी की आवाज’ व छत्तीसगढ़ साहित्य परिवार द्वारा आयोजित साहित्य सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के नामचीन साहित्यकारों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। साहित्य सम्मेलन में प्रख्यात समाज सेवी व साहित्य प्रेमी स्व. रामदास अग्रवाल द्वारा साहित्य के लिए किए गये कार्यों को साहित्यकारों ने याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी।
समारोह का आरंभ मा सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से किया गया। उसके पश्चात उपस्थित साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों तथा रामदास परिवार द्वारा स्व. रामदास अग्रवाल को विनम्र श्रद्धांजलि दी गयी।
यह कार्यक्रम शिक्षाविद व छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार पाठक के मुख्य आतिथ्य और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनोद कुमार वर्मा की अध्यक्षता तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रसिक किशोर सिंह ’नीरज’के विशिष्ट आतिथ्य में तथा केवल कृष्ण पाठक, राष्ट्रीय कवि डॉ. ब्रजेश सिंह की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर प्रो.विनय कुमार पाठक ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्यकारों को साहित्य सृजन के साथ-साथ सामाजिक कार्य करते रहना चाहिए। आज जिस विभूति की स्मृति में यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, उनसे मैं कुछ समय पूर्व रामकथा के दौरान मिला था। उनके विचारों और कार्यों को मैं इस अवसर पर नमन करता हूं। साहित्यकार समाज को दिशा देने का कार्य करता है। इसीलिए साहित्य को समाज का दर्पण कहते हैं। उन्होने साहित्यकारों से इसी तरह समाज को दिशा देने हेतु साहित्य सृजन करते रहने का भीआह्वान किया।
इस अवसर पर विमोचित पत्रिका नयी पीढ़ी की आवाज स्मृति अंक व आनन्द सिंघनपुरी की किताब ’दिल की आहट’ तथा बाल साहित्यकार शंभूलाल शर्मा ’वसंत’ के ’मैना के गउना’ के बारे में भी प्रकाश डाला।

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सम्मेलन में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. के. के. तिवारी, डॉ .बृजेश सिंह, डॉ .रसिक किशोर सिंह नीरज (रायबरेली), गजलकार केवल कृष्ण पाठक, डॉ. विनोद कुमार वर्मा, शिव कुमार पांडेय, शम्भू लाल शर्मा ’वसंत’ ने रामदास अग्रवाल को श्रद्धांजलि देते हुए साहित्य पर वक्तव्य दिए। तथा डॉ.नीरज ने अपनी ग़ज़ल – ‘ गहराईयां नदी की किनारों से पूछिये’ सुनाकर समां बांध दिया।
रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन समाजसेवी सुनील रामदास ने कहा कि पूज्य बाबूजी द्वारा दिखाए गये रास्ते परचलकर हम सदैव साहित्य और समाज के कार्यों में सहयोगी बने रहेंगे।
उक्त कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार श्याम नारायण श्रीवास्तव ने किया।

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इस साहित्य सम्मेलन में स्थानीय साहित्यकारों में आशा मेहर, डॉ. डी. पी. साहू, सरला साहा, रुसेन कुमार, आनन्द कुमार केड़िया, ऋषि वर्मा, रमेश शर्मा, सुखदेव पटनायक, अरविंद सोनी, मनमोहन सिंह ठाकुर, राकेश नारायण बंजारे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। शहर के नन्द बाग में आयोजित इस सम्मेलन में जय शंकर प्रसाद, तेजराम नायक प्रफुल्ल पटनायक, प्रदीप कुमार, रामरतन मिश्रा, धनेश्वरी देवांगन, प्रियंका गुप्ता, हरप्रसाद ढेंढे, पवन दिव्यांशु, राघवेंद्र सिंह, गीता उपाध्याय, प्रदीप उपाध्याय, सनत, हेमंत चावड़ा, डॉ. मणिकांत भट्ट, प्रशांत शर्मा व अन्य बहुत से साहित्यकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर नयी पीढ़ी की आवाज के ’स्मृति अंक’ में प्रकाशित रचनाकारों को भी रामदास द्रौपदी फाउन्डेशन द्वारा सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सुशील रामदास अग्रवाल ने स्व. रामदास अग्रवाल के स्मृति में आयोजित सफल कार्यक्रम के लिए नयी पीढ़ी की आवाज परिवार व साहित्यकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ.नीरज को रायगढ़ छत्तीसगढ़ में सम्मानित किए जाने पर रायबरेली के साहित्यकारों में हर्ष और उल्लास व्याप्त है । जनपद के कर्मचारियों ने भी उन्हें बधाई दी।

साहित्य सम्मेलन व स्मृति अंक तथा पुस्तक विमोचन

30 जनवरी को  साहित्य सम्मेलन व स्मृति अंक तथा पुस्तक विमोचन

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रायगढ़- रायगढ़ जिला सुर,लय,ताल की नगरी तो है, साथ ही साहित्यिक गतिविधियों में भी अव्वल है। आये दिन विविध विषयों को लेकर कार्यक्रम होते रहते है इसे साहित्यिक गतिविधियों पर यहाँ के साहित्यकारों का गहरा लगाव ही कहा जायेगा। जो इतने तन्मयता और लगन से हर कार्यक्रम को श्रेष्ठ बनाने में कोई कसर नही छोड़ते। लम्बे समय से कोरोना महामारी का हम सबने यातनाएं सहीं।पर समय तो अपनी चाल से निरन्तर चलता रहता है, पूरे निर्लिप्तभाव से। निर्विकार या निर्मिमेष से बिना किसी रुकावट, आधि-व्याधि, रोग-दोष, मोह-माया, राग-द्वेष, अच्छे-बुरे की चिंता कर। दुनिया की सारे दुखों से अनजान अपनी मस्ती में, बस केवल अपने कर्म में डूबा, कितने भी उद्वेलन, खुशियाँ, अवसाद हों समय की गति में कोई अंतर नहीं पड़ता। वह तो बस चैरेवति-चैरेवति की गूँज से आगे बढ़ता ही रहता है। इस महामारी में कितने ही अपने घनिष्ठ जन इस दुनिया से अलविदा हो गए। इसी समय रायगढ़ के पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी रामदास अग्रवाल का दुःखद निधन हो गया। शहर में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और हर दुःख-सुख में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष उनका सहयोग रहता था। उन्हीं की स्मृति में एक दिवसीय ’साहित्य सम्मेलन’ व नयी पीढ़ी की आवाज में प्रकाशित उनकी स्मृति अंक तथा पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम नंद बाग, कोष्टापारा, नंदेश्वर मन्दिर रोड ’छत्तीसगढ़ साहित्य परिवार व नयी पीढ़ी की आवाज’ के तत्वावधान में आयोजित की गई है। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. विनय कुमार पाठक (शिक्षाविद, पूर्व अध्यक्ष, छ. ग.राजभाषा आयोग) और कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विनोद कुमार वर्मा (वरिष्ठ साहित्यकार), विशिष्ट अतिथि रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से डॉ. रसिक किशोर सिंह ’नीरज’, बिलासपुर से वरिष्ठ साहित्यकार केवल कृष्ण पाठक, डॉ. ब्रजेश सिंह की उपस्थिति रहेगी। पुस्तक विमोचन की कड़ी में रायगढ़ के युवा साहित्यकार आनन्द सिंघनपुरी की किताब ’दिल की आहट’ व ’मैना के गउना’ का आमंत्रित अतिथियों के हाथों लोकार्पण होगा। उक्ताशय की जानकारी नयी पीढ़ी की आवाज परिवार से भानुप्रताप मिश्र, श्याम नारायण श्रीवास्तव, सनत व आनन्द सिंघनपुरी ने दी और बताया कि कार्यक्रम आज दिनांक 30 जनवरी दोपहर 12 बजे से आयोजित है तथा कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाकर आने की अपील की है।

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