रावल रतन सिंह मेवाड़ की जीवनी | Rawal Ratan Singh history in hindi

रावल रतन सिंह मेवाड़ की जीवनी | Rawal Ratan Singh history in hindi

राजस्थान की धरती ने वीरों को जन्म दिया है उन्ही वीरों में रावल रतन सिंह का नाम आपने शायद न सुना हो लेकिन आप रानी पद्मावती को जानते होंगे उन्ही के पति रावल रतन सिंह मेवाड़ की जीवनी के बारे में इस लेख में बात करेंगे, चित्तौड़ की महारानी का जौहर , राजपूत सैनिको के द्वारा अलाउदीन का सामना करना इस लेख में बताया गया है।

रावल रतन सिंह का जीवन परिचय एवं इतिहास


नाम – रावल रतन सिंह
पिता का नाम -रावल समरसिंह
शासक – मेवाड़ के ४२ शासक ( अंतिम शासक )
शासन वर्ष – १३०२ -१३०३ ( एक वर्ष )
वंश – गुहिल वंश
मृत्यु – अलाउद्दीन खिलजी के द्वारा धोखे से
पत्नी -रानी पद्मावती
भाई – २ (राघव और चेतन )


रावल रतन सिंह मेवाड़ कौन थे

रावल रतन सिंह १३ शताब्दी में जन्मे चितौड़ के राजपूत राजा थे , राजा रत्न सिंह के बारे में जानकारी हिंदी के महाकाव्य पद्मावत में मिलती है ,अपने वंश के अंतिम शासक भी थे। राजा रतन सिंह शादीशुदा थे १३ रानी उनके महल में निवास करती थी , लेकिन राजपूत खून होने की वजह से वह महाराजा मलखान सिंह को युद्ध में हराकर  रानी पद्मावती से विवाह किया , इसके बाद उनके द्वारा जीवन में कोई विवाह नहीं किया गया।

रावल रतन सिंह की मृत्यु का कारण क्या था ?


रावल रतन सिंह की मृत्यु की वजह अलाउदीन की राजनीतिक  महत्वाकांक्षा थी ,रत्न सिंह के भाइयों के द्वारा  अलाउदीन से मिलकर उनकी पत्नी पद्मावती की सुंदरता की चर्चा की , जिसके कारण उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया लेकिन राजपूत सैनिको ने उसकी सेना से खूब लड़ाई लड़ी , जब वह असफल रहा तो उसने प्रस्ताव भेजा कि मैं आपकी पत्नी का चेहरा शीशे के माद्यम से देखना चाहता हूँ , राजा रतन सिंह उसके जाल में फँस गए। जैसे ही उसने रानी पद्मिनी का प्रतिबिंब देखा वह मोहित हो गया २८ जनवरी १३०३ में दिल्ली से धावा बोल दिया चित्तौड़ की तरफ २६ अगस्त १३०३ को चित्तौड़ को फतह कर लिया। इस युद्ध में ३० हज़ार से अधिक राजपूत लड़ाकू मारे गए थे , जब रानी पद्मावती को पता चला कि राजा रतन सिंह मारे गए है , १६ हज़ार रानियों के साथ अग्नि में जौहर कर आत्माहुति दी

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