बिहार में विद्या वाचस्पति सम्मान से सम्मानित हुए जिले के प्रख्यात अवधी विद्वान इंद्रेश भदौरिया

साहित्य के क्षेत्र में रायबरेली जिले का नाम भी स्वर्णिम अक्षर से लिखा जाता है वर्तमान में अवधी भाषा के प्रख्यात विद्वान इंद्रेश बहादुर सिंह भदौरिया को बिहार में वाचस्पति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है l

मूल रूप से हरचंदपुर क्षेत्र के निवासी इंद्रेश कुमार भदौरिया अवधी भाषा के प्रख्यात विद्वान हैं उनकी कई पुस्तक अब तक प्रकाशित हो चुकी है कई बड़े-बड़े मंचों पर अपना लोहा अवधि भाषा के क्षेत्र में मनवा चुके इंद्रेश कुमार भदौरिया को बिहार प्रदेश में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित एक मंड सम्मान कार्यक्रम में विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है l

इंद्रेश कुमार भदौरिया की कई पुस्तक ऐसी है जिन पर विशेष रूप से शोध भी हो रहा है क्योंकि उन्होंने अवधी भाषा को एक स्थान दिलाने के लिए प्रयास किया है l

पुरस्कार प्राप्त करने वाले इंद्रेश कुमार भदौरिया का कहना है कि जिस तरह भोजपुरी अब बुंदेली भाषा को महत्व दिया जाता है वैसे ही अवधी भाषा को भी महत्व देना चाहिए क्योंकि यह मीठी भाषा अवध क्षेत्र के गांव में बोली जाती है लेकिन शहर के लोग इसे बोलने में संकोच करते हैं जबकि घर के अंदर इसी भाषा का उपयोग आपस में बात करने के लिए किया जाता है तो क्यों ना इस भाषा को प्रचारित और प्रसारित करके सामाजिक जीवन में भी बोलने के लिए प्रयोग किया जाए l

वाचस्पति पुरस्कार से सम्मानित होने पर जिले के साहित्यकार भाषा सलाहकार डॉ संतलाल, पुष्पा श्रीवास्तव शैली, अशोक कुमार, डॉक्टर प्रियंका, रत्ना भदौरिया और कल्पना अवस्थी ने इंद्रेश भदौरिया को शुभकामनाएं दी है l